Posts

Showing posts from March, 2020

मौर्य साम्राज्य चितौड़गढ़ दुर्ग

Image
मौर्य साम्राज्य चितौड़गढ़ दुर्ग

चालुक्य राजा मंगलेशा का पुराना कन्नड़ शिलालेख (578 ई), बादामी गुफा मंदिर नं ३

Image
चालुक्य राजा मंगलेशा का पुराना कन्नड़ शिलालेख (578 ई), बादामी गुफा मंदिर नं ३ जैसा इससे पूर्व कहा जा चुका है, कुब्ज विष्णुवर्धन्, पुलकेशिन् द्वितीय का छोटा भाई, जो चालुक्य साम्राज्य के पूर्वी भाग का अधिष्ठाता था, 615-16 ई. में आंध्र की राजधानी बेंगी के सिंहासन पर बैठा। पूर्वी चालुक्यवंशियों को राष्ट्रकूटों से दीर्घकालीन युद्ध करना पड़ा। अंत में राष्ट्रकूटों ने चालुक्यों की बादामी शासक शाखा को अपदस्थ कर दिया और दक्षिण पर अधिकार कर लिया। राष्ट्रकूट राजकुमार गोविंद द्वितीय ने आंध्र पर अधिकार कर लिया और तत्कालीन शासक कुब्ज विष्णुवर्धन् के दूरस्थ उत्तराधिकारी, विष्णुवर्धन चतुर्थ को आत्मसमर्पण के लिये बाध्य किया। विष्णुवर्धन् चतुर्थ अपने मुखिया गोविंद द्वितीय के पक्ष में राष्ट्रकूट ध्रुव तृतीय के विरुद्ध बंधुघातक युद्ध लड़ा और उसके साथ पराजय का साझीदार बना। उसने ध्रुव तृतीय और उसके पुत्र एवं उत्तराधिकारी गोविंद तृतीय के प्रभत्व को मान्यता दे दी। तदनंतर पुत्र विजयादित्य द्वितीय कई वर्षों तक स्वतंत्रता के लिये गोविंद तृतीय से लड़ा, किंतु असफल रहा। राष्ट्रकूट सम्राट् ने उसे अपदस्थ क...

जवाहर स्टेट कोलिय राजपूत HH Highness महाराजा श्रीमंत मार्तण्ड रावजी मुकने

Image
जवाहर स्टेट कोलिय राजपूत HH Highness महाराजा श्रीमंत मार्तण्ड रावजी मुकने

कश्मीर के कर्कोटा नागवंशी कोलिय/कोली क्षत्रिय

Image
ललितादित्य मुक्तापीड (राज्यकाल 724-761 ई)  कश्मीर के  कर्कोटा  नागवंशी कोलिय क्षत्रिय वंश के हिन्दू सम्राट थे। उनके काल में कश्मीर का विस्तार मध्य एशिया और बंगाल तक पहुंच गया। उन्होने अरब के मुसलमान आक्रान्ताओं को सफलतापूर्वक दबाया तथा तिब्बती सेनाओं को भी पीछे धकेला। उन्होने राजा यशोवर्मनको भी हराया जो हर्ष का एक उत्तराधिकारी था। उनका राज्‍य पूर्व में बंगाल तक, दक्षिण में कोंकण तक पश्चिम में तुर्किस्‍तान और उत्‍तर-पूर्व में तिब्‍बत तक फैला था। उन्होने अनेक भव्‍य भवनों का निर्माण किया। कार्कोट क्षत्रिय राजवंश की स्थापना दुर्र्लभवर्धन ने की थी। दुर्र्लभवर्धन गोन्दडिया वंश के अंतिम राजा बालादित्य के राज्य में अधिकारी थे। बलादित्य ने अपनी बेटी अनांगलेखा का विवाह कायस्थ जाति के एक सुन्दर लेकिन गैर-शाही व्यक्ति दुर्र्लभवर्धन के साथ किया। कार्कोटा एक नाग का नाम है ये नागवंशी कर्कोटा क्षत्रिय थे। प्रसिद्ध इतिहासकार आर सी मजुमदार के अनुसार ललितादित्य ने दक्षिण की महत्वपूर्ण विजयों के पश्चात अपना ध्यान उत्तर की तरफ लगाया जिससे उनका साम्राज्य काराकोरम पर्वत शृंखला के सूदूरवर्ती कोन...

चक्रवर्ती सम्राट अशोक का साम्राज्य

Image
चक्रवर्ती सम्राट अशोक का साम्राज्य

Princely State of Sathamba

Image
History of Princely State of Sathamba  The Baria kshatriya Kolis was the ruling family of the princely state of Sathamba. The family was originally from the territory of Sind and was barred by Muslim invaders from Patdi in the late 13th century. They took refuge from the Raja of Champaner, who was a Rajput. He granted the region of Baria to them as a jagir. From Baria, the family gained possession of the state of Sathamba. Succession of the throne of the former princely state was governed by the rule of male primogeniture.  The native ruler of the princely state of Sathamba held the official title of Thakor. The Thakor of Sathamba state was ranked in the Fifth Class amongst the rulers of Mahi Kantha before the abolition of classes in the year 1928. He exercised limited civil and criminal jurisdiction over the state and supervised the administration of the entire territory. The erstwhile native state of Sathamba paid annual tribute to Lunawada, Balasinor and Baroda. Under the A...

koli kshatriya Surgana state के राजवंशीय श्री पंवार कोली राजपूत रोहितराजे तेजसिंह पंवार

Image
Surgana state के राजवंशीय श्री पंवार कोली राजपूत रोहितराजे  तेजसिंह पंवार byy the दक्षिण भारत के  kshatriya mudiraj mathuraj mutharaiyar सूर्यवंशी कोलिय राजपूत  जय श्री राम जय राजपूताना

देवगढ़ बारिया स्टेट बारिया कोली राजपूत

Image
देवगढ़ बारिया स्टेट बारिया कोली राजपूत  HH maharawal जयदीपसिंहजी सोभागसिंहजी with HH maharani प्रेमकुमारी

The Great Great Koli/Kuliya/Chol/Chola/Koliya Empire

Image
The Great Great Chola/Koliya Empire